हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "तोहफुल ओक़ूल" किताब से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الصادق علیه السلام:
الإِخوانُ ثَلاثَةٌ: فَواحِدٌ كَالغِذاءِ الَّذي يُحتاجُ إلَيهِ كُلَّ وَقتٍ فَهُوَ العاقِلُ، وَالثّاني في مَعنَى الدّاءِ وهُوَ الأَحمَقُ، والثّالِثُ في مَعنَى الدَّواءِ فَهُوَ اللَّبيبُ
हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ (अ.स.) ने फ़रमायाः
तीन प्रकार के लोग होते हैं: एक भोजन की तरह है जिसकी हमेशा आवश्यकता होती है और ये लोग बुद्धिमान लोग होते हैं, दूसरे रोग और आपदा के समान होते हैं और ये अज्ञानी लोग होते हैं और तीसरे दवा की तरह होते है और ये लोग बुद्धिमान होते हैं।
तोहफुल ओक़ूल, पेज 323